बेख़बर होकर भला हम क्यों जिये आ गया तुझमें ही खपने और तुम। बेख़बर होकर भला हम क्यों जिये आ गया तुझमें ही खपने और तुम।
वह बचपन की यादें और माँ का प्यार नहीं भूल पाएंगे। वह बचपन की यादें और माँ का प्यार नहीं भूल पाएंगे।
हवा अपनी मदहोशी में, ज़ब दुपट्टा उड़ा जाती है ऐसे आलम में, वो लड़की बहुत याद आती है ! हवा अपनी मदहोशी में, ज़ब दुपट्टा उड़ा जाती है ऐसे आलम में, वो लड़की बहु...
मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।। मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।।
उल्फत के कुछ पल उल्फत के कुछ पल
फ़रिश्ते भी कहने लगे आमीन, अब दुआ में तेरी वो असर चाहिए। फ़रिश्ते भी कहने लगे आमीन, अब दुआ में तेरी वो असर चाहिए।